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Neelbad: विश्व तंबाकू निषेध दिवस मैडिटेशन रिट्रीट सेंटर के अनुभूति सभागार में मनाया गया

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विश्व तंबाकू निषेध दिवस हर वर्ष की भांति 31 मई को सुख शांति भवन मैडिटेशन रिट्रीट सेंटर के अनुभूति सभागार में मनाया गया। 
इसका आरंभ सन 1987 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा किया गया था। इसका उद्देश्य तंबाकू के उपयोग से होने वाले स्वास्थ्य नुकसानों के प्रति जागरूकता बढ़ाना एवं तंबाकू सेवन को रोकने के उपाय को प्रोत्साहित करना है। हर वर्ष WHO द्वारा एक नई थीम निर्धारित की जाती है जिसके अंतर्गत जागरूकता फैलाई जाती है । इस वर्ष की थीम है तंबाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बच्चों की रक्षा जिसके अंतर्गत आज की नई पीढ़ी को, युवाओं को और बच्चों को तंबाकू से होने वाले नुकसान से अवगत कराना है। जैसे की कहावत है “प्रिवेंशन इस बेटर देन क्योर” अर्थात यदि बाल्य काल में ही इस तरह की शिक्षा दी जाए तो सम्पूर्ण जीवन कल के लिए बच्चे मानसिक रूप से इसका प्रतिकार करने के लिए सदा के लिए तैयार हो जाते हैं। एवं देखा गया है कि अधिकतर बच्चे अपने साथियों के बहकावे में आकर ही नशे की ओर कदम बढ़ाते हैं साथ ही साथ अपने घर परिवार में बड़ों को भी वह देखकर सीखते हैं।  यदि वह थोड़ी हिम्मत जुटा पाए तो उनका जीवन गर्त में जाने से बच सकता है एवं उज्जवल भविष्य की ओर वे अपने कदम बढ़ा सकते हैं।
उक्त विचार प्रकट किए डॉ दिलीप नलगे जी( प्रोफेसर आरडी मेमोरियल कॉलेज) ने। अवसर था *सुख शांति भवन* में *विश्व तंबाकू निषेध दिवस* पर आयोजित कार्यक्रम। उक्त कार्यक्रम में भोपाल *शहर के प्रथम महिला श्रीमती मालती राय जी* ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हर किसी को कुछ अच्छी आदतों का नशा करना चाहिए जैसे पढ़ाई का नशा, अच्छे कार्यों का नशा,स्वस्थ रहने का नशा..अपने जीवन में अपने कार्य को इतना सर्वोपरि बना दें कि उसके आगे और कोई नशा करने की आवश्यकता ही न पड़े।  इसके साथ ही भोपाल शहर की *नोडल ऑफिसर* *डॉक्टर नीलिमा सोनी जी* ( *टोबैको कंट्रोल सेंटर भोपाल*)  ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि छोटे-छोटे बच्चों में भी गुटखा एवं तंबाकू सेवन की आदत देखने में आ रही है। तथा कैंसर आदि बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। जिसका दोषी आज का समाज है क्योंकि यह जहर बहुत ही सहज रूप से उपलब्ध है हर जगह बहुत ही सस्ते दामों पर उपलब्ध है।
 साथ ही साथ संस्थान की डायरेक्टर *राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी नीता दीदी जी* ने कहा की ईश्वरीय नशा, नारायणी नशा, अच्छी आदतों का नशा हमें इन सभी प्रकार के नशे से मुक्त बना सकता है। राजयोग हमारे आंतरिक मनोबल को बढ़ाता है जिसके फल स्वरूप हम इन व्यसनों से सहज ही मुक्ति पा लेते हैं। आपको ज्ञात हो कि राजयोग का अभ्यास करने वाले 97% लोगों ने हमेशा के लिए तंबाकू का सेवन छोड़ दिया। केवल ३% लोग ही अज्ञात कारणों से नहीं छोड़ पाते हैं। यदि शुद्ध खाना पीना,अच्छा संग एवं श्रेष्ठ वातावरण का कोई अनुसरण करे तो वो हमेशा के लिए व्यसनों से छूट सकता है। देखा गया है कि  अधिकतर लोगों को यह ज्ञान तो है की सही क्या है और गलत क्या है, क्या खाना चाहिए क्या नहीं खाना चाहिए, क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए परंतु सब कुछ जानते समझते हुए भी कहीं ना कहीं आत्म बल एवं दृढ़ इच्छाशक्ति की कमी के कारण वह सही मार्ग पर चल नहीं पता। वह उस नकारात्मकता से स्वयं को बचा नहीं पता। अतः आवश्यकता है अपने मनोबल को बढ़ाकर स्वयं को और अधिक सशक्त बनाने की। इसके लिए सबसे कारगर उपाय है सहज राजयोग ध्यान।
कार्यक्रम में संस्थान के वरिष्ठ राजयोगी शिक्षक बीके राम भाई जी ने नशा मुक्ति के क्षेत्र में संस्थान द्वारा की जा रही सेवाओं के विषय में सभी को अवगत कराया। साथ ही आपने यह भी अवगत कराया कि किस प्रकार भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा ब्रह्मा कुमारी संस्थान के साथ MOU हुआ। तब से लेकर संस्थान द्वारा व्यापक रूप से नशा मुक्ति की सेवाएं दी जा रही है।  साथ ही साथ डॉक्टर संजीव जयंत (अस्सिटेंट सुपरीटेंडेंट, हमीदिया अस्पताल) ने सभी आए हुए मेहमानों एवं श्रोतागणों का आत्मीय स्वागत किया। कार्यक्रम के आरंभ में एक नुक्कड़ नाटक द्वारा सभी प्रकार के व्यसनों से होने वाले नुकसान से बहुत ही रोचक तरीके से सभी को अवगत कराया गया। सभी ने इस नाटक को बहुत-बहुत सराहा एवं प्रेरणा ली।
कार्यक्रम के अंत में ब्रह्माकुमारी हेमा बहन ने सभी का आभार व्यक्त किया एवं राजयोग ध्यान के द्वारा सब सभी को ध्यान एवं परमात्म स्मृति की गहन अनुभूति कराई गई.. कार्यक्रम का कुशल मंच संचालन बी के डॉ देवयानी द्वारा किया गया। सभा में विशेष रूप से उपस्थित थे एनसीसी कैडेट्स, एसबीआई आर एफ के जवान, एस एस बी के जवान, 25 बटालियन के जवान, ट्रैफिक पुलिस एवं कुछ अन्य कॉलेज के छात्र छात्राएं तथा राज्यों की ब्रह्मा कुमार भाई बहनें ।

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आंतरिक जागृति द्वारा स्व सशक्तिकरण से राष्ट्र सशक्तिकरण” अभियान

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“जब नैतिकता के आगे आतंकवादी हुआ समर्पित..”* 
 *सुरक्षा कर्मियों हेतु ब्रह्माकुमारीज की एक नई पहल “आंतरिक जागृति द्वारा स्व सशक्तिकरण से राष्ट्र सशक्तिकरण” अभियान का भव्य शुभारंभ* 
 *”आंतरिक सशक्तिकरण के लिए राजयोग सर्वश्रेष्ठ विधा है”- लेफ्टिनेंट जनरल मिलन नायडू* 
ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के सहयोगी निकाय राजयोग शिक्षा एवं शोध प्रतिष्ठान  के *सुरक्षा विभाग* द्वारा राष्ट्रव्यापी अभियान सुरक्षा कर्मीयों हेतु चलाए जाते हैं।
कार्यक्रम के आरंभ में सुख शांति भवन की निदेशिका आदरणीय नीता दीदी जी ने सभा में पधारे हुए अतिथियों का स्वागत किया एवं प्रेरणादायक बोल द्वारा सभी जवानों का उमंग उत्साह वर्धन किया। उन्होंने कहा कि आपके त्याग, तपस्या एवं सेवा का हम सम्मान करते हैं एवं आप सभी ने पधार कर हमें गौरवान्वित किया है। आपने सभी पधारे हुए लोगों को सुरक्षित एवं स्वस्थ जीवन की शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे  *रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल मिलन नायडू जी* ने प्रथम बार ब्रह्माकुमारीज के माउंट आबू मुख्यालय की अपनी यात्रा के अनुभव साझा किए और कहा कि राजयोग मेडिटेशन आंतरिक सशक्तिकरण की सर्वोत्तम तकनीक है। इससे जीवन तनाव मुक्त एवं सरल हो जाता है।
 वहीं पर *विशिष्ट अतिथि ब्रिगेडियर रजनीश गौर जी* ने नैतिक मूल्यों के पतन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आत्मिक जागरूकता की आज नितांत आवश्यकता है।
 कार्यक्रम में पधारी ब्रह्माकुमारीज भोपाल जोन की अध्यक्षा राजयोगिनी अवधेश दीदी जी ने कहा कि परमात्मा सर्वशक्तिमान विश्व रक्षक है।उसकी शक्तियां अपने अंदर समाहित करने से हर मुश्किल को सहज ही पार किया जा सकता है। उन्होंने चार प्रकार के बल सुझाए। *आत्म बल,परमात्मा बाल, चरित्र बल एवं जिम्मेवारी का बाल* यदि जीवन में धारण कर ले तो जीवन सच्चे मायने में सुरक्षित हो जाएगा।
 वही डीआरडीओ मुख्यालय दिल्ली के *असिस्टेंट डायरेक्टर *कैप्टन शिव सिंह* ने  अपने वक्तव्य में कहा कि आपका भोपाल से बहुत गहरा नाता  है। आपने ब्रह्माकुमारीज की सुरक्षा प्रभाग विंग की सेवाओं एवं  सिक्योरिटी सर्विस विंग की 25 वर्ष की यात्रा एवं सिल्वर जुबली वर्ष के अन्तर्गत चलाए जा रहे  राष्ट्रीय सशक्तिकरण अभियान “आंतरिक जागृति के द्वारा आत्म सशक्तिकरण से राष्ट्र सशक्तिकरण” की विस्तृत जानकारी दी।
मुंबई से पधारे कार्यक्रम के मुख्य वक्ता  प्रोफेसर गिरीश जी ने सेल्फ एंपावरमेंट के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आत्मा की उन्नति में ही हमारी सर्वांगीण उन्नति समाई है। जब हम स्वयं ठीक होंगे तब ही हम देश की सतर्कता के साथ रक्षा कर सकेंगे।
जिसके पश्चात् मुंबई से पधारी राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी दीपा दीदी जी ने आत्म सशक्तिकरण के लिए राजयोग की विधि स्पष्ट की एवं राजयोग ध्यान का अभ्यास भी गाइडेड कॉमेंट्री के द्वारा कराया। सभी को गहन शांति एवं सशक्तिकरण की अनुभूति की।
साथ ही साथ कार्यक्रम में बीके कुलदीप गोलानी द्वारा सभी के उत्साह वर्धन के लिए बहुत ही सुंदर स्वागत गीत की प्रस्तुति भी दी।
 कार्यक्रम के अंत में राजयोगी भ्राता रामकुमार जी ने द्वारा सभी आए हुए अतिथियों का शब्दों से आभार व्यक्त किया।वहीं सभी अतिथियों को तनाव मुक्त जीवन किताब, पेन एवं ईश्वरी वरदान दिया गया।
 *मास्टर ऑफ सेरेमनी: कर्नल बी.के. सती* (माउंट आबू) ने अपने सैन्य जीवन के व्यावहारिक अनुभव साझा करते बताएं कि उन्होंने जब उनकी पोस्टिंग जरूर कश्मीर में थी जम्मू कश्मीर में थी उसे समय उन्होंने अपने आध्यात्मिकता व्यवहार कुशलता, नैतिकता एवं उदारता से, सूझबूझ से स्थानीय लोगों को इतना प्रभावित किया जिससे कई आतंकवादी स्वतः सरेंडर हो गए। एवं बताया कि किस प्रकार परमात्मा की मदद से असंभव कार्य भी संभव होते रहे।
 *सुरक्षा बलों की भागीदारी*
कार्यक्रम में विभिन्न सुरक्षा बलों के जवानों ने भाग लिया, जिनमें CRPF, RAF, ITBP, CISF (BHEL और एयरपोर्ट), होम गार्ड, NCC, SSB, ECHS जबलपुर एवं उज्जैन, और MP पुलिस शामिल थे।
यह कार्यक्रम आत्मिक जागरूकता के माध्यम से व्यक्तिगत और राष्ट्रीय सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था, जिसने सभी उपस्थित लोगों को प्रेरित किया और उन्हें आत्म-चिंतन और आत्म-विकास के मार्ग पर अग्रसर किया।
इसी दौरान एक विशेष तीन दिवसीय *निशुल्क राजयोग मेडिटेशन कैंप 5,6 एवं 7* तारीख को  सुख शांति भवन में सभी के लिए आयोजित किया जा रहा है। जिसमें हर वर्ग के इच्छुक लोग भाग ले सकते हैं। शिविर प्रातः 7:00 बजे से 8:30 बजे तक रहेगा जिसमें मुंबई से पधारे सुप्रसिद्ध प्रेरणादायक वक्ता गिरीश जी निम्न बिंदुओं पर *सत्र* लेंगे
 *अपने अंदर के हीरो को पहचानिए* (Discover the hero within)
 *क्रोध प्रबंधन एवं संबंधों में मधुरता* (Anger management and harmony in relationships)
 *स्वस्थ जीवन शैली* (Healthy lifestyle)
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श्रीलंका से पधारे महाबोधि सोसाइटी ऑफ श्रीलंका फाउंडेशन के प्रेसिडेंट बानगल उपतिस्स से मिली ब्रह्माकुमारीज् का प्रतिनिधिमंडल

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श्रीलंका से पधारे महाबोधि सोसाइटी ऑफ श्रीलंका फाउंडेशन के प्रेसिडेंट बानगल उपतिस्स से मिली ब्रह्माकुमारीज् का प्रतिनिधिमंडल
ब्रह्मा कुमारीज विद्यालय माउंट आबू का वातावरण आज भी मुझे आकर्षित करता है”-महाबोधि सोसाइटी ऑफ श्रीलंका फाउंडेशन के प्रेसिडेंट बानगल उपतिस्स थ्रो
मध्य प्रदेश शासन एवं श्रीलंका *महाबोधि सोसाइटी* सांची के सौजन्य से चेतियागिरी विहार सांची के *72वें वार्षिक उत्सव* पर श्रीलंका से पधारे  *बानगल उपतिस्स थ्रो* (प्रेसिडेंट,महाबोधि सोसाइटी ऑफ श्रीलंका फाउंडेशन) से  ब्रह्माकुमारीज़ की स्थानीय शाखा सुख शांति भवन नीलबड़ की निदेशिका राजयोगिनी *ब्रह्माकुमारी नीता दीदी ने भेंट करते हुए  उन्हें सुख शांति भवन पधारने का निमंत्रण दिया । साथ ही परमात्मा के सत्य परिचय के विषय में चर्चा करते हुए साझा किया कि *इस समस्त मनुष्य सृष्टि के बीज रूप परमात्मा पिता एक ही हैं जिन्हें ईश्वर,गॉड,अल्लाह,जिवोहा भिन्न-भिन्न नामो से पुकारते हैं एवं याद करते हैं।हम सभी  एक पिता की संतान आपस में  भाई-भाई है, तथा यह संपूर्ण विश्व ही हमारा परिवार है।हम सब का उद्देश्य उस परमात्मा के द्वारा बताए हुए शांति के मार्ग पर चलना और सर्व को यही मार्ग दिखाना है।
इस दौरान गुरु जी ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि वे लंबे समय से ब्रह्माकुमारी संस्थान से परिचित है। एवं दादी प्रकाशमणि जी (ब्रह्माकुमारी संस्थान की पूर्व मुख्य प्रशासिका) से उनकी भेंट एक हवाई यात्रा के दौरान हुई थी। उन्होंने बताया कि जब वह हवाई जहाज में एक समाचार पत्र पढ़ रहे थे तब उन्होंने दादी जी का फोटो उसमें देखा था और उन्होंने पाया कि उनकी पिछली वाली सीट पर ही दादी जी उपस्थित थे । जिसके बाद वह स्वयं जाकर उनसे मिले थे तथा  माउंट आबू (ब्रह्माकुमारी मुख्यालय) का प्रोग्राम भी बनाया था। अपने  3 दिवसीय प्रवास प्रवास के दौरान उन्होंने वहां के शांत एवं सुंदर वातावरण की महिमा करते हुए  बताया कि  वह दिव्य वातावरण उन्हें आज तक आकर्षित करता है। साथ ही कहा कि जहां पर भी वे  ब्रह्माकुमारीज के सेवाकेंद्र देखते हैं, उन्हें यही भावना आती है कि यह मेरी अपनी बहनों का घर है। अपने जीवन का अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि 13 साल की उम्र से ही वे इस मार्ग पर चल रहे हैं तथा भारत में ही उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी की, साथ ही भोपाल स्थित ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्र पर भी वह सन् 1986 में गए थे। साथ ही उन्होंने बहनों को एक किताब भी भेंट की जिसमें अन्य सीनियर राजयोगिनी ब्रह्मकुमारी बहनों के साथ उनका चित्र अंकित था। भेट के दौरान आदरणीय नीता दीदी जी द्वारा गुरुजी को ईश्वरीय उपहार एवं प्रसाद भी भेंट किया गया।
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जेरूसलम की अल अक्सा मस्जिद के चीफ इमाम के पहली बार भोपाल आने पर सुख शांति भवन से ब्रह्माकुमारी बहनों ने की मुलाकात*

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*जेरूसलम की अल अक्सा मस्जिद के   चीफ इमाम  के पहली बार भोपाल आने पर सुख शांति भवन से ब्रह्माकुमारी बहनों ने की मुलाकात*
 *जेरूसलम की अल अक्सा मस्जिद के चीफ इमाम को माउंट आबू का दिया निमंत्रण ब्रह्माकुमारी बहनों ने* 
*जेरूसलम के अल अक्सा मस्जिद के चीफ इमाम और बीके बहनों ने मिलकर की विश्व शांति की दुआ*
इसराइल और फिलीस्तीन के बीच जेरूसलम स्थित मस्जिद अल-अक्सा परिसर पर अपनी दावेदारी के चलते इन दोनों मुस्लिम के लिए यह पवित्र स्थान देश दुनिया में चर्चा का केंद्र बना हुआ है, इसी मस्जिद के चीफ इमाम *शेख अली उमर याकूब अब्बासी* इन दिनों भोपाल प्रवास पर हैं, इसी दौरान स्थानीय शाखा सुख शांति भवन नीलबड़ के प्रतिनिधिमंडल ने उनके गंतव्य स्थान पर जाकर उनसे मुलाकात की, उन्हें शॉल पहनाकर और परमात्मा का स्मृति चिन्ह सौगात देकर उनका सम्मान किया तथा साथ ही साथ उन्हें ब्रह्माकुमारीज के हेड क्वार्टर माउंट आबू का निमंत्रण दिया।
चर्चा के दौरान के इमाम शेख अली उमर याकूब अब्बासी जी ने ब्रह्माकुमारीज संस्थान की प्रशंसा करते हुए कहा आप अल्लाह लोग हैं और आपकी दुआ अल्लाह जल्दी और जरूर सुनेगा तो मैं आपसे दरख्वास्त करता हूं कि आप अल्लाह को विश्व शांति के लिए प्रार्थना करें। दुआ करें हम सब एक परिवार के हैं एक ही परिवार के सदस्य हैं एक ही उसे जिसे कोई ईश्वर किस अल्लाह कोई भगवान कहता है उसी के हम सब बंदे हैं जब हम सब मिलकर एक शांति की प्रार्थना करेंगे तो विश्व में पुनः शांति का वातावरण निर्मित होगा। अंत में उन्होंने धन्यवाद देते हुए माउंट आबू का निमंत्रण सहर्ष स्वीकार किया।
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